and this is a way of expression... reflection of the world inside us... exploration of the world, we dwell in...
and words from our personal experiences, feelings, interests and learning.


Thursday, June 7, 2012

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं?

Recently read this article in HT about whistle blowers "Unafraid to spill the beans"
Infuriated me! couldn't do anything so i wrote down a few lines

"ये कैसी घुटन है क्यूँ सांस नही आती?
क्यूँ चुप हैं सब , कुछ आवाज़ नही आती!
कैसी हैवानियत है, इस मुल्क में दो नन्हे बच्चों का, गला घोट देने में
एक पूरी कौम को ज़रा सी शर्म नही आती "

[V. Shreedharan (Jan 24, 2011, Palakkad) and his sons Vivek (10) and Vyas(8) were found hanging inside their house in Palakkad. As secretary of Malabar Cement Ltd. Company, he had written to the Kerala CM about corruption in the company only to withdrew the allegations and quit the job in a month]

"मैं  चुप हूँ क्यूंकि, ज़मीर मर गया 
आत्मा सो रही
मेरे खुदा मुझे दोज़ख  दे
आज फिर कोई इंसान चीखा! हाँ के वो मरा मेरी खातिर!
और मैं चुप रहा"

"जिबह हो जाऊं , तो मेरी कुर्बानी मकबूल हो,
और कुछ ख़ुबाब  का दरिया बहे,
जो बहा ले चले मेरे मुल्क को,
जवाल से उरूज़ की ओर"

"मेरे खुदा बस अब खौफ की असीरी से छुड़ा दे!
मैं बेख़ौफ़ आँखें खोल के देखूं उसको 
उस तौकीब की नज़रों से मिला दे!"

Follow the case at- http://sonuram.blogspot.in/2011/02/v-sreedharan-case-to-follow.html

1 comment:

  1. आके यहाँ तू देख मुर्दा लोग, बेहिस ख़ुदा
    है कुछ लहू इंसान में, या लहू में इंसानियत नहाती,
    सौदा ज़मीर का होता है मेरे मुल्क में,
    आज़ादी मरने-मारने की अब छीनी नहीं जाती.

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