
"नींद की पुकार" भावनात्मक एवं शाब्दिक सौंदर्य से परिपूर्ण अति सरस रचना है। वीरबाला जी की ये कविता जब मैंने पहली बार पढ़ी तो जैसे भादों की भारी बरखा में भीगी हुई श्यामल संध्या में डूबता उतराता रहा। कैसे चुन चुन के प्यार, बिछोह, उलाहना और यादों की बूँद-बूँद को कविता की लड़ियों में पिरोया है, जो सीधे दिल पे बरसती जाती हैं और भीतर कितनी ही गहराइयों तक सिहरन उमड़ जाती है। मैंने कोशिश की है कि उन एहसासों को आवाज़ में ज़ाहिर कर सकूँ। शब्द कितना छू पाए हैं अपने अर्थों को, यह जानने और मुझे बताने का भार मैं आप पाठकों और श्रोताओं पर छोड़ता हूँ।
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Poem- Neend ki Pukar
by Veerbala (find the poem from
here)
Recitation and Music editing-
Shivam Shrotriya
Master Music Track- Long Dusty Road to Agra
by Pt. Hari Prasad Chaurasiya
Other Music Tracks- Piya Tora Kaisa Abhiman
by Shubha Mudgal and
Hari Haran
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